NEELAM JASOOS KARYALAY
SOMNATH | सोमनाथ (संपूर्ण संस्करण)
SOMNATH | सोमनाथ (संपूर्ण संस्करण)
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गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर की ऐतिहासिक लूट और पुनर्निर्माण की कहानी को आचार्य चतुरसेन ने अपने इस उपन्यास सोमनाथ में बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। सोमनाथ का मंदिर सैकड़ों देवदासियों के नृत्यों से, उनके घुँघरूओं की ध्वनि से सदा गुजित रहता था। देश-देशांतर के राजा और रंक इसके वैभव के समक्ष नतमस्तक होते थे। फिर भी एक विदेशी द्वारा इसे ध्वस्त करने का दुस्साहस किया गया। इतिहास की इस विडंबना को आचार्य चतुरसेन ने औपन्यासिक मौली में बाँधा है। प्रभासपट्टन स्थित सोमनाथ मंदिर भारतीयों को धर्म-परायणता का जीवंत प्रमाण है। विदेशी आक्रमणकारियों ने इसके वैभव से प्रभावित होकर अनेक बार इस मंदिर को लूटा और ध्वस्त किया। महमूद गजनवी सोलह बार यहाँ की धन-सम्पति को कंटों में लादकर ले गया, परन्तु फिर भी इसका अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ। गहन अध्ययन और उस क्षेत्र के विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर लिखा गया यह उपन्यास, इतिहास का जीवंत दस्तावेज है। आचार्य चतुरसेन की एक विलक्षण कालजयी रचना है।
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