NEELAM JASOOS KARYALAY
MANTO KE BEHTREEN AFSAANE | मंटो के बेहतरीन अफ़साने
MANTO KE BEHTREEN AFSAANE | मंटो के बेहतरीन अफ़साने
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सआदत हसन मंटो उर्दू के सबसे प्रसिद्ध और विवादास्पद कहानीकारों में से एक थे। उनका जन्म 11 मई 1912 को लुधियाना (पंजाब, भारत) में हुआ था। मंटो की पहचान एक ऐसे लेखक के रूप में होती है जिन्होंने समाज की कड़वी सच्चाइयों को बिना किसी लाग लपेट के, पूरी बेबाकी के साथ अपनी कहानियों में प्रस्तुत किया। मंटो का लेखन विशेषतः विभाजन के दौर की त्रासदी, इंसान की दरिंदगी, और समाज की नैतिक दोहरापन को उजागर करने के लिए जाना जाता है। उनकी कहानियाँ उस समय के समाज को एक आईना दिखाने का काम करती हैं। उन्होंने सिनेमा को दुनिया में भी काम किया और बंबई (अब मुंबई) में फिल्मों के लिए पटकथा और संवाद लिखे। मंटो की सबसे चर्चित और विवादास्पद कहानियों में ठंडा गोश्त, खोल दो, टोक टेक सिंह, काली सलवार, बू और हतक जैसी कहानियाँ शामिल हैं। इनमें से कई कहानियों पर अश्लीलता के आरोप लगे और उन्हें अदालतों में पेश होना पड़ा, लेकिन मंटो ने हमेशा कहा कि वे समाज को जैसा देखते हैं, वैसा ही लिखते हैं। उनकी कहानी टोबा टेक सिंह विशेष रूप से विख्यात है, जो भारत-पाकिस्तान विभाजन को पृष्ठभूमि में एक पागलखाने के कैदियों की आपबीती के माध्यम से गहरे राजनीतिक और मानवीय संदेश देती है। मंटो की लेखनी में गहरी संवेदना, तीखा व्यंग्य और असहनीय यथायें का चित्रण मिलता है। उन्होंने समाज के दबे-कुचले वर्गों, वेश्याओं, पागलों और शोषितों को अपनी कहानियों का पात्र बनाया। मंटो का निधन 18 जनवरी 1955 को लाहौर में हुआ। वे आज भी उर्दू साहित्य के सबसे प्रभावशाली, ईमानदार और क्रांतिकारी लेखकों में गिने जाते हैं।
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