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NEELAM JASOOS KARYALAY

KARAMBHUMI I कर्मभूमि

KARAMBHUMI I कर्मभूमि

Regular price Rs. 300.00
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मुंशी प्रेमचन्द जी का उपन्यास कर्मभूमि समाज की कुरीतियों, किसानों की पीड़ा और भारतीय जनता के संघर्ष को उजागर करता है। नायक अमरकांत अपने व्यापारी पिता से अलग विचारधारा रखता है। पिता धन को जीवन का लक्ष्य मानते हैं, जबकि अमरकांत मानवता, न्याय और सेवा को सर्वोपरि मानता है। उसकी पत्नी सुन्दरा भौतिक जीवन चाहती है, लेकिन अमरकांत आदर्शवादी होकर किसानों और गरीबों के पक्ष में खड़ा होता है। उपन्यास में शिक्षा व्यवस्था की खामियाँ, स्त्रियों की स्थिति और अंग्रेज़ी शासन का शोषण दिखाया गया है। अंततः संदेश यह है कि मनुष्य की सच्ची कर्मभूमि समाज और मानवता की सेवा है।
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